Best 60+ प्यार भरी शायरी | Pyar Bhari Shayari in Hindi

Pyar Bhari Shayari : प्यार एक एहसास है, जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। प्यार वो नही जो कह कर दिखाया जाये, प्यार वो है जो छुप कर निभाया जाये। ये ज़रूरी नहीं है कि हम जिसे प्यार करते है वो हमेशा हमारे साथ ही रहे या फिर वो भी हमे बदले में प्यार ही दे। प्यार तो क़ुदरत का दिया हुआ एक अनमोल तोहफ़ा है। पढ़िए दिल को छू जाने वाली प्यार भरी शायरी हिंदी में और महसूस कीजिए प्यार को। और हाँ शायरी पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।

Pyar Bhari Shayari in Hindi

मैं क्या कहूँ कि उसका साथ कैसा है, वह एक शख़्स मेरी पूरी कायनात जैसा है। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

उठती नहीं निगाहें किसी और की तरफ, इक शख्स का दीदार मुझे इतना पाबंद कर गया। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

मैं लफ़्ज़ों से कैसे बताऊँ कि कितनी खास हो तुम, जुदा होकर भी खत्म नहीं होगा वो अहसास हो तुम, मेरी हैसियत होती तो तुम्हारी क़िस्मत सवाँर देता, एक दिल था जो तुम्हें दे दिया, हज़ारों भी होते तो तुम पर वार देता। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

Pyar Bhari Shayari in Hindi

तुम्हारा चेहरा कितना सुहाना लगता है, तुम्हारे सामने चाँद भी पुराना लगता है, न जाने कैसे मिल गयी तुम मुझे, वरना तुम्हारे जैसे को पाने में तो ज़माना लगता है। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

इश्क़ भी क्या अजीब बीमारी है, ज़िन्दगी हमारी है मगर तलब तुम्हारी है। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

कैसे बताऊँ मैं तुम्हे, आँखों में तुम, यादों में तुम, नींदों में तुम, ख्वाबों में तुम, तुम हो मेरी हर बात, तुम हो मेरे दिन रात, तुम सुबह में, तुम शाम में, तुम सोंच में, तुम काम में, मेरे लिए पाना भी तुम, मेरे लिए खोना भी तुम, मेरे लिए हँसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम, और जागना सोना भी तुम, जाऊँ कहीं देखूँ कहीं, तुम हो वहाँ, तुम हो वहीं, कैसे बताऊँ मैं तुम्हें, तुम बिन तो मैं कुछ भी नहीं। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

Pyar Bhari Shayari in Hindi

हम तो फ़ना हो गए उनकी आँखे देखकर ग़ालिब, ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

तुम नाराज़ नाराज़ से लगते हो कोई तरकीब बताओ मनाने की, हम ज़िन्दगी अमानत रख देंगे तुम क़ीमत बताओ मुस्कुराने की। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाँहों में लिपट जाने को जी चाहता है, ख़ूबसूरती की इन्हेता है तू, तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖

Pyar Bhari Shayari in Hindi

कभी लफ्ज़ भूल जाऊँ कभी बात भूल जाऊँ, तुझे इस क़दर चाहूँ कि अपनी ज़ात भूल जाऊँ, उठकर कभी जो तेरे पास से चल दूँ, जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊँ, कैसे कहूँ तुझसे के कितनी मोहब्बत है तुझ से, अगर कहने पे तुम को आऊँ तो अल्फ़ाज़ भूल जाऊँ। 💖💖💖❤❤❤💖💖💖