8+ Gulzar Shayari in Hindi | गुलज़ार साहब हिंदी शायरी

Gulzar Shayari : गुलज़ार साहब को भला कौन नहीं जानता। गुलज़ार साहब ने अपने काम से पूरी दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ी है। उन्हें देश का बच्चा बच्चा जानता है और उनके गीतों और नज़्मों को गाता और गुनगुनाता है और गुलज़ार साहब की शायरी को अपने दिल में बसाता है। गुलजार साहब हिंदी शायरी के बहुमूल्य हीरा हैं। आइये पढ़ते हैं गुलज़ार साहब की सदाबहार शायरियाँ जो आपका मन मोह लेंगी। और हाँ शायरी पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल ना भूलें।

दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से, वो हो गया है वाकिफ मेरे हर ठिकाने से। - गुलज़ार साहब

मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना, पर ये जो ज़िन्दगी है समझदार किये जाती है। - गुलज़ार साहब

कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल, जब हम बदलते हैं, तुम शर्ते बदल देते हो। - गुलज़ार साहब

इतना क्यों सिखाए जा रही है ज़िन्दगी हमें, कौन सी सदियाँ गुज़ारनी है यहाँ। - गुलज़ार साहब

Gulzar Shayari in Hindi

शायर बनना बहुत आसान है, बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए। - गुलज़ार साहब

याद आएगी हर रोज़ मगर, तुझे आवाज़ ना दूँगा, लिखूँगा तेरे ही लिए हर ग़ज़ल, मगर तेरा नाम ना लूँगा। - गुलज़ार साहब

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा ग़म मीठी सी तन्हाई है...!! - गुलज़ार साहब

Gulzar Shayari in Hindi