हमको समुन्दर का खौफ ना दो यारों, हमने हँसते गालों में भी भंँवर देखे हैं। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
ये कैसी लत थी मुझे उसके दीदार की, कि इतवार के दिन भी मैं स्कूल चला गया। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
कैसे मुमकिन था किसी दवा से इलाज ग़ालिब, इश्क का रोग था माँ की चप्पल से ही आराम आया। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
चली जाती है ब्यूटी पार्लर में यूँ, उनका मकसद है मिसाल-ऐ-हूर हो जाना, अब कौन समझाए इन लड़कियों को, मुमकिन नहीं किशमिश का फिर से अँगूर हो जाना। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
आपकी सूरत मेरे दिल में ऐसे बस गयी है, जैसे छोटे से दरवाज़े में भैंस फँस गयी है। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
बंदा इसलिए शादी करता है कि सुकून से रहे, जो शादी नहीं करते वह भी इसीलिए शादी नहीं करते, शादी वह अमल है जिसमें दो लोग मिलकर इस तरह रहते हैं, कि एक दुसरे को रहने नहीं देते... वैसे शायरों को ज़रूर शादी करनी चाहिए... अगर बीवी अच्छी मिल गयी तो ज़िन्दगी अच्छी हो जाएगी, बीवी अच्छी ना मिली तो शायरी तो अच्छी हो जाएगी। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
ग़ालिब से एक मित्र ने पूछा आपकी बीवी कैसी है ? ग़ालिब - जो कभी लिपट जाया करती थी बादलों के गरजने पर, वो आज बादलों से भी ज़्यादा गरजती है। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
रोशनी चाँद से होती है सितारों से नहीं, मेरी कश्ती वहाँ डूबी जहाँ पानी कम था। मेरा शेर मेरी मर्ज़ी... 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो, इतना क़ातिल कैसे शर्मा लेते हो, एक बात बताओ दोस्त बचपन से ही कमीने हो, या सूरत ही ऐसी बना लेते हो। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
आपकी दोस्ती की रोशनी ऐसी है, हर तरह उजाला ही नज़र आया है, सोचता हूँ घर की बिजली कटवा दूँ, और आपकों दीवार पर लटका दूँ। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁
लड़कियों से प्यार न करना क्योंकि... दिखती हैं हीर की तरह, लगती हैं खीर की तरह, दिल में चुभती हैं तीर की तरह, और छोड़ जाती हैं फ़क़ीर की तरह। 😁😁😁🤣🤣🤣😁😁😁